सिसौना गांव में भी पंहुचा सोशल मीडिया का बोलबाला : संभल बिलारी न्यूज़ एजेंसी

 संभल न्यूज़ :- चौतरफा सोशल मीडिया की बढ़ती लोकप्रियता के बाद अब आपके ब्लॉगर 'जुनैद रज़ा' के पैतृक गाँव सिसौना में भी सोशल नेटवर्किंग साइट्स ने अपने पांव पसार लिए हैं । फेसबुक, ट्वीटर, गूगल+, वाट्स ऐप के साथ-साथ ग्राम समाज के लोगो में अब लिंक्ड इन, इंस्ताग्राम, स्टंबले अपॉन जैसी आधुनिक सोशल नेटवर्किंग्स साइट्स के लिए भी काफी जागरूकता देखी जा रही है । आज से कुछ वर्ष पूर्व सिसौना गांव के लोग खरीदारी के लिए खरसोल, बिलारी और मुरादाबाद जैसी जगहों पर निर्भर रहा करते थे !

लेकिन समय के साथ ऑनलाइन शॉपिंग संस्थाओं फ्लिपकार्ट, अमेज़न , इबे की बढ़ती लोकप्रियता, जागरुकता एवं आकर्षक प्रस्तावों ने शहरों के साथ-साथ ग्रामीण समाज के लोगो का ध्यान भी अपनी और खींचा है |  गाँव के भीतर आबादी का काफी बड़ा हिस्सा स्मार्ट फ़ोन्स उपयोगकर्ता दिखाई पड़ रहा है । जिसने लोगो को लोगों से बांधे रखने, प्रेम एवम संवाद बढ़ाने, विचारो के उदय में एक महान भूमिका अदा की है । मगर गाँव के ही कुछ बुज़ुर्गो ने बढ़ते स्मार्टफोन एवम सोशल साइट्स के उपयोग पर भविष्य के लिए अपार चिंता जताई है !

अगर हम उनकी बात माने तो यह चीज़े कुछ हद तक ही लाभ कारी हैं तुलनात्मक दृष्टि से इनके नुकसान ज्यादा दिखाई पड़ रहें हैं. मूलतः आँखों पर नकारात्मक प्रभाव या काफी हद तक दृष्टी छीड़ होना ! समय अथवा पैसै की बर्बादी ! मानसिक एवम शारीरिक थकावट ! आलसी  होना ! अधिक ऑनलाइन वार्तालाप से संवादों का टूटना, बहस या शंका जैसी समस्याएँ !

अंत  मैं, में खुद भी अपनी राय में यही कहना चाहूंगा की अगर सोशल नेटवर्किंग साइट्स उप्योगीकरण के दोनों पहलू देखें जाएँ तो लाभों के तुलना में होने वाली हानियाँ अधिक दिखाई पड़ती हैं ! लेकिन अगर हम स्मार्टफोन्स तथा सोशल नेटवर्किंग साइट्स के इस्तेमाल में कुछ चीज़ों में सावधानियाँ बरतें तो हमारे जीवनशैली का एक अटूट हिस्सा बन सकते हैं !

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