सर सैयद अहमद खान के 208 वें जन्मदिन पर के0 एन0 रिसॉर्ट संभल में भव्य प्रोग्राम आयोजित किया गया !

(कार्यक्रम संचालक) डॉ शहजाद अहमद 
   संभल: आधुनिक शिक्षा और सामाजिक सुधार के प्रतीक सर सैयद अहमद ख़ान की जयंती मंगलवार देर रात संभल में श्रद्धा और उत्साह के साथ मनाई गई। के0 एन0 रिसॉर्ट में आयोजित इस कार्यक्रम में शिक्षा, एकता और तकनीकी विकास के महत्व पर विस्तार से चर्चा की गई।

कार्यक्रम के मुख्य अतिथि एएमयू के डीन स्टूडेंट वेलफेयर प्रो. रफ़ी उद्दीन ने कहा कि वर्तमान युग में आधुनिक शिक्षा और तकनीकी ज्ञान ही समाज को सशक्त बना सकते हैं। उन्होंने सर सैयद की दूरदर्शी सोच का उल्लेख करते हुए युवाओं से उनके आदर्शों को अपनाकर देश के विकास में योगदान देने का आह्वान किया।

विशिष्ट अतिथि प्रो. मोहम्मद आसिफ़ ख़ान ने सर सैयद को 'शिक्षा का मसीहा' बताया। उन्होंने कहा कि सर सैयद ने शिक्षा को समाज सुधार का सबसे बड़ा माध्यम बनाया। प्रो. बृज भूषण सिंह ने सर सैयद और अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय (एएमयू) को हिंदू-मुस्लिम एकता का प्रतीक बताते हुए कहा कि एएमयू आज भी इस विरासत को सहेजे हुए है।

 डॉ. शारिक अकील ने बताया कि महात्मा गांधी और जवाहरलाल नेहरू जैसे राष्ट्रीय नेता भी सर सैयद से प्रेरित थे।

प्रो. मोहम्मद शाहिद ने संभल में शिक्षा के व्यापक प्रसार की आवश्यकता पर जोर दिया।

 विशेष अतिथियों में हसन सरदार, मंसूर आलम, सांसद प्रतिनिधि ममलुकुर्रह्मान बर्क़ और संभल के वरिष्ठ नेता इक़बाल महमूद उपस्थित रहे।

(एएमयू पूर्व छात्र)

(Source Bhaskar News)



संभल के सक्रिय 'अलिग्स' (एएमयू पूर्व छात्र) ने इस आयोजन की अगुवाई की, जिनमें डॉ. मोहम्मद शावेज़, डॉ. मोहम्मद शारीक और डॉ. कफील प्रमुख थे। विशेष अतिथियों में हसन सरदार, मंसूर आलम, सांसद प्रतिनिधि ममलुकुर्रह्मान बर्क़ और संभल के वरिष्ठ नेता इक़बाल महमूद उपस्थित रहे।

कार्यक्रम की मेजबानी में डॉ. रशीक, तंजीम रज़ा, एडवोकेट क़ासिम जमाल, हाजी बॉबी, मोहम्मद अमजद, अतहर उल्ला ख़ान, मुगल फैज़ान, सुभान आदिल, कलीम अशरफ और शेर मोहम्मद सहित कई समाजसेवियों ने सक्रिय भूमिका निभाई। कार्यक्रम का समापन राष्ट्रगान 'जन गण मन' और एएमयू तराना के गायन के साथ हुआ, जिससे माहौल देशभक्ति और संस्थागत गौरव से ओत-प्रोत हो गया।


संभल के सक्रिय 'अलिग्स' (एएमयू पूर्व छात्र) ने इस आयोजन की अगुवाई की, जिनमें डॉ. मोहम्मद शावेज़, डॉ. मोहम्मद शारीक, डॉ. रशीक और मोहम्मद  इमरान पाशा उर्फ़ बॉबी प्रमुख थे। 

कार्यक्रम को सफल बनाने में प्रबंधन के साथ-साथ मुग़ल फैज़ान, आसिफ, राईस, ताबिश, जावेद, काशिफ, जुनैद रज़ा, जुनैद सरवर, यासिर, असजद, वसीम, फैसल, लबीब, हारिस, मुस्तफा , फैज़ान, सुभान, नावेद व कलीम अशरफ, डॉ. ज़िकरुल हक, वकास अख्तर, मंज़र उल हक, यासर रॉयल, मुजाहिद, अधिवक्ता जकी, मास्टर जकी, डॉक्टर रजी, डॉक्टर हस्सान, अधिवक्ता हिमाल अख्तर, अधिवक्ता कमर हुसैन, फैज़ान शाहिद, कैफुल इस्लाम, सैफ, ज़ैद चोको, क़मर शेख, मोहम्मद मियाँ, अथर उल्लाह खान, व अन्य अलीग सदस्य और समाज सेवी का सरहनीय योगदान रहा !

(Source दैनिक भास्कर)


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