लोकसभा चुनाव 2019: आखिर क्यों है संभल खास

मुलायम सिंह यादव

उत्तर प्रदेश लोक सभा निर्वाचन क्षेत्र सम्भल मुरादाबाद से अलग हुआ संसदीय निर्वाचन क्षेत्र और जिला है। जिला बनने के बाद से ही इसके मुख्यालय को लेकर विवाद शुरू हो गया। सम्भल और चंदौसी के बीच इसे लेकर लंबे समय तक रही। फिलहाल प्रशासनिक दृष्टि से जिला मुख्यालय बहजोई से संचालित हो रहा है। संभल मैंथा की बड़ी मंडी है तो इसका सरायतरीन इलाका अपने खास तरह के हड्डी-सींग शिल्प के लिए प्रसिद्ध है। इसकी धूम विदेशों तक है।

1977  में अस्तित्व में आई संभल लोकसभा सीट कई मायनों में खास है। इसे मंडल की सबसे अहम सीटों में गिना जा सकता है क्योंकि इस सीट ने समाजवादी पार्टी के मुखिया रहे मुलायम सिंह यादव और उनके परिवार के सदस्यों को भी संसद तक पहुंचाया। इतना ही नहीं गठन के बाद पहली ही बार किसी महिला को सांसद बनाने का श्रेय भी इस सीट को है। पुराने स्वरूप में यह सीट यादव बहुल मानी जाती थी, इसका असर परिणामों में भी देखा जा सकता है। 1977 से 2014 तक हुए 11 लोकसभा चुनावों में से छह बार यादव यादव प्रत्याशी जीते। इनमें दो बार श्रीपाल सिंह यादव, दो बार खुद मुलायम सिंह यादव, एक बार प्रो, राम गोपाल यादव और एक बार धर्मपाल यादव सांसद बने। 2004 में परिसीमन के बाद इस सीट का जातीय गणित कुछ बदला है और इस सीट पर यादव मतदाताओं की संख्या कम हुई है। मुस्लिम बहुल इलाका होने के बावजूद 2014 के चुनाव में इस सीट पर भारतीय जनता पार्टी ने जीत दर्ज की थी, जिसे समाजवादी पार्टी के लिए एक बड़ा झटका माना गया था. यहां से बीजेपी के सत्यपाल सैनी चुनाव जीतकर आए. हालाँकि इसबार गठबंधन से यहाँ के पुराने, कर्मठ, जुझारू, तुर्क बिरादरी से आने वाले स्थानीय कद्दावर नेता डॉ. शफ़ीक़ ऊर रहमान बर्क़ मैदान में हैं ! जिनका मुख्य मुक़ाबला इस बार बीजेपी के परमेश्वर लाल सैनी से होगा ! स्थानीय सर्वे के आधार पर डॉ. शफ़ीक़ ऊर रहमान बर्क़ के भारी वोटों से जीतने की अटकलें हैं |

 इतिहास के झरोखे से

सम्भल ऐतिहासिक व धार्मिक दृष्टि से काफी महत्वपूर्ण है। कहा जाता है चारों युगों में संभल का वजूद रहा और इसे अलग अलग नामों से जाना गया। धर्मग्रंथों में वर्णित है कि कलियुग में भगवान विष्णु संभल में ही कल्कि के रूप में अवतार लेंगे। मुग़ल शासक अकबर के शासनकाल में संभल क्षेत्र का काफी महत्वपूर्ण रहा लेकिन उसी के बेटे शाहजहाँ के शासन में सम्भल की हालत काफी बिगड़ गई। यहां लंबे समय तक शासकों और सम्राटों ने शासन किया। लोधियों से लेकर मुगलों तक ने यहां शासन किया। खास यह कि सम्भल अशोक साम्राज्य का भी अहम हिस्सा रहा।


आंकड़े बोलते हैं

सम्भल की जनसँख्या 221,334 है जिसमें से 116,008 पुरुष और 105,326 महिलाएं हैं. सम्भल में प्रति 1000 पुरुषों में 908 महिलाएं हैं. यहाँ की पुरुष साक्षरता दर 74.05% और महिला साक्षरता दर 66.90% है।

  • कुल मतदाता - 1816077
  • विधानसभावार मतदाता
  • संभल-364862
  • असमोली-357704
  • चंदौसी-371739
  • बिलारी-348055
  • कुंदरकी-373717

मौजूदा सांसद


संभल के मौजूदा सांसद भाजपा के सत्यपाल सिंह सैनी हैं।
एमकॉम करने वाले सत्यपाल सैनी की पढ़ाई केजीके कॉलेज और  हिन्दू कॉलेज से पूरी हुई।
पेशे से वकील और कृषि कार्य से जुड़े सत्यपाल पाकबड़ा के रहने वाले हैं। जन्मतिथि पांच जुलाई 1973 है।
सत्यपाल सैनी भाजपा और राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के पुराने कार्यकर्ता हैं
सत्यपाल सैनी भाजपा मुरादाबाद के जिलाध्यक्ष भी रहे हैं
सत्यपाल सैनी पहली बार संभल सीट से चुनाव मैदान में उतरे और जीतकर संसद पहुंचे


विधानसभा क्षेत्र


  •     कुन्दरकी
  •     बिलारी
  •     चंदौसी
  •     असमोली
  •     संभल
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